THE BASIC PRINCIPLES OF BAGLAMUKHI SHABHAR MANTRA

The Basic Principles Of baglamukhi shabhar mantra

The Basic Principles Of baglamukhi shabhar mantra

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शमशान में अगर प्रयोग करना है तब गुरू मत्रं प्रथम व रकछा मत्रं तथा गूड़सठ विद्या होने पर गूड़सठ क्रम से ही प्रयोग करने पर शत्रू व समस्त शत्रुओं को घोर कष्ट का सामना करना पड़ता है यह प्रयोग शत्रुओं को नष्ट करने वाली प्रक्रिया है यह क्रिया गुरू दिक्षा के पश्चात करें व गुरू क्रम से करने पर ही विशेष फलदायी है साघक को बिना छती पहुँचाये सफल होती है।

This mantra shouldn't be employed as an experiment or on an innocent individual, if not, you'll need to go through the consequences.

ऋषि श्रीकालाग्नि-रुद्र द्वारा उपासिता श्रीबगला-मुखी

यदि आपको इन मन्त्रों का प्रभाव देखना है तो निर्देशानुसार इनका साधन कर अभीष्ट की प्राप्ति करें। ये मन्त्र किस प्रमाणिक ग्रन्थ में हैं, यह कुछ स्पष्ट नहीं है। प्रमाण केवल यही है कि ये गुरुमुख से प्राप्त हैं। शेष जब आप इनकी साधना करेंगे तो प्राप्त होने वाला परिणाम ही इनकी प्रमाणिकता का साक्षी होगा।

Over time, several saints and spiritual masters even more enriched the Shabar mantra tradition. They gathered and compiled these mantras, and their collections grew to become called 'Shabar Vidya', or even the understanding of Shabar mantras.

Shabar mantras certainly are a kind of recitation located in the Indian mystical tradition of tantra. These mantras are believed to be highly effective and effective in obtaining particular purposes when chanted with devotion and sincerity. Here are some of the several and crucial forms of Shabar mantras:

Based on the historic Tale, Goddess Parvati questioned Lord Shiva to share a mantra that can be conveniently recognized and practised by Absolutely everyone, despite their caste or social status.

मंत्र प्रयोग से पूर्व कन्या पूजन करते हैं किसी भंगी की कन्या(जिसका मासिक न प्रारम्भ हुआ हो) का पूजन करते हैं, एक दिन पूर्व जाकर baglamukhi shabhar mantra कन्या की माँ से उसे नहला कर लाने को कहे फिर नए वस्त्र पीले हो तो अति उत्तम, पहना कर, चुनरी ओढ़ा कर ऊँचे स्थान  पर बैठा कर, खुद उसके नीचे बैठे व हृदय में भावना करे कि मैं माँ का श्रिंगार व पूजन कर रहा हूँ, इस क्रिया में भाव ही प्रधान होता है

But it's absolutely the performance from the Shabar Mantra which has captured numerous devotees, not its simplicity. These mantras are thought to become full of the great electricity of numerous gods and goddesses.

अपने गुरु से आज्ञा लेकर दंड विधान को प्रारम्भ कर दें, शीघ्र ही दुष्ट के किए हुए कर्मों की सजा माँ स्वयं दे देती है। मै एक ऐसे व्यक्ति को जानता हूँ, जिसका पूरा जीवन ही संघर्ष में निकल गया फिर भी वह परेशान था जब किसी भी मंत्र के प्रयोग से सफलता न मिल पा रही हो, तब ग्रामीण आंचल में प्रचलित माँ पीताम्बरा के शाबर मंत्र का प्रयोग करें- सुखद परिणाम मिलता है।

श्री अक्षोभ्य ऋषि द्वारा उपासिता श्रीबगला-मुखी

ॐ ह्रीं बगलामुखि! जगद्वशंकरी! मां बगले प्रसीद-प्रसीद मम सर्व मनोरथान पूरय-पूरय ह्रीं ॐ स्वाहा।

शुद्ध-स्वर्ण-निभां रामां, पीतेन्दु-खण्ड-शेखराम् । पीत-गन्धानुलिप्ताङ्गीं, पीत-रत्न-विभूषणाम् ।।१

वादी मूकति, रङ्कति क्षिति-पतिर्वैश्वानरः शीतति ।

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